Jamun Farming: जामुन के खेती से हो गए मालामाल

Jyoti Rana
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Jamun Farming:- जामुन की खेती भारत के कई राज्यों में की जाती है। जामुन के उत्पादन में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है। जामुन को जमाली, ब्लैकबेरी, राजमन और काला जामुन नामों से भी जाना जाता है। जामुन का पेड़ एक ऐसा पेड़ है, जो एक बार लगाने पर 50 से 60 वर्षों तक फल देता है। जामुन का पेड़ 25 से 30 फ़ीट ऊँचा होता है। 

लोग इसके के फल को बहुत अधिक पसंद करते है, और खाने के साथ साथ इसका उपयोग दवाइयों और अनेक प्रकार की चीजों जेली, शरबत, जैम और शराब तथा अन्य चीजों को बनाने के लिए करते है। आज की इस पोस्ट में हम आपको “Jamun Farming” के बारे में जानकारी में जानकारी देने वाले है। 

Jamun Farming: जामुन के खेती से हो गए मालामाल  

जो लोग जामुन की खेती करते है, उन्हें बहुत अधिक मुनाफा मिलता है। क्योंकि बाजारों में जामुन की मांग बहुत अधिक रहती है। इससे छोटे श्रमिकों को जामुन की तुड़ाई के समय रोजगार का अवसर मिलता है। जामुन का पेड़ लगाने के बाद लगभग 3 से 4 वर्षो के बाद फल देने लगता हैं। 1 हेक्टेयर जमीन में लगभग 140 से 150 पेड़ो को लगाया जा सकता है। जिसकी लागत लगभग 1 लाख रुपए तक की हो सकती है। बाजार में जामुन के  भाव लगभग 60 से 70 रुपए प्रति किलो है, तो सालभर में लगभग 9 से 10 लाख रुपए का मुनाफा होता है।  

Jamun Farming किन क्षेत्रों में की जाती है। 

Jamun Farming ने भारत में किसानों की उनके फसल क्षेत्रों पर निर्भरता बढ़ा दी है। जामुन की खेती भारत के मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने में की जाती है। 

Jamun Farming कैसे की जाती है। 

जामुन की खेती करने के लिए आपको पहले इसके पौधे तैयार कर लेने है। फिर खेत की अच्छी तरह से मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई करें उसके बाद खेत में सडी गोबर की खाद को डालकर, रोटावेटर से जुताई करवायें। खेत की मिट्टी को समतल करके पौधों को लगाने के लिए गड्डे तैयार करें। खेत में तैयार गड्डों के बीच लगभग 7 से 8 फीट की दूरी रखे। ये गड्डे 45 से 40 सेंटीमीटर गहरे होने चाहिए। पौधे रोपाई के तुरंत बाद ही आपको पहली सिंचाई करना चाहिये। 

जामुन की खेती जुलाई से अगस्त के मौसम में की जाती है। पौधे रोपाई के लगभग 3 से 4 साल बाद, जामुन का पेड़ फल देने के लिए तैयार हो जाता है। जामुन के पेड़ को ज्यादा सिचाई की जरूरत नहीं होती है। सर्दी के मौसम में 8 से 10 दिनों के बीच में सिंचाई करे। गर्मी के मौसम में पौधों की 4 से 5 दिनों के बीच में सिंचाई करें।

Conclusion 

आज की इस पोस्ट में हमने आपको “Jamun Farming” के बारे में जानकारी दी है। आशा करते है, कि आपको दी गई जानकारी पसंद आई होगी।  

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