OLA MAPS VS Google Maps: सब लोग अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए गूगल मैप का का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अब मार्केट में गूगल मैप को टक्कर देने के लिए एक बड़ा दावेदार ओला मैप सामने आया है। ओला ग्रुप के चेयरमैन भावीश अग्रवाल ने कहा कि हमने ओला मैप्स को लॉन्च कर दिया है। अब ओला कैब्स के अंदर गूगल मैप्स का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। हमने गूगल मैप से अलविदा ले ली है।
क्योंकि गूगल मैप्स की वजह से हर महीने लगभग 100 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ रहे थे। लेकिन ओला मैप मे लागत जीरो रूपये है। इसलिए कंपनी पूरी तरह से गूगल मैप से बाहर निकल गई है, और ओला मैप में शिफ्ट हो गई है। आपको बता दे की पिछले ही महीने ओला ने अजूर को भी बाये बाये बोल दिया है। चलिए विस्तार से जानते है, “OLA MAPS” के बारे में पूरी जानकारी।
OLA MAPS क्या है? 100 करोड़ रुपए की होगी बचत ?
ओला कंपनी की तरफ से खुद का मैप लाया जा रहा है, जिसका नाम है ओला मैप। जो गूगल मैप की जगह लेगा। आपकी जानकारी के लिए बता दे की इस मैप के जरिये यूजर्स को राइड बुकिंग में आसानी हो जाएगी। साथ ही आपको ट्रैफिक की सटीक जानकारी भी मिलेगी। ओला मैप की शुरुआत इलेक्ट्रिक स्कूटर और ओला कैब से की जा रही है। इस मैप में स्ट्रीट व्यू,, इंजोर इमेज, 3डी मैप, ड्रोन मैप और NERFs जैसे फीचर भी जल्द ही इसमें शामिल किए जायेंगे।
OLA MAPS से 100 करोड़ रुपए की होगी बचत
ओला ग्रुप के चेयरमैन भावीश अग्रवाल ने कहा है, की गूगल मैप्स का इस्तेमाल करने के लिए उन्हें सालाना 100 करोड़ रुपए खर्च करने पड़ते थे। लेकिन इस महीने से उन्होंने ओला मैप पर शिफ्ट कर लिया है, और इसका खर्च आप शून्य हो गया है। आगे उन्होंने कहा की अब वह पूरी तरह से खुद के बनाए ओला मैप्स पर शिफ्ट हो गए हैं, और गूगल मैप को अलविदा कह दिया है। जिससे सालाना 100 करोड रुपए की बचत कंपनी कर पाएगी।
OLA MAPS के फायदे
सूत्रों के अनुसार नया ओला मैप एक साल के लिए बिल्कुल फ्री रहेगा। ओला मैप में आपको रियल टाइम ट्रैफिक देखने की सुविधा मिलेगी। जिससे अगर रास्तों में कोई बदलाव होता है, तो उसे तत्काल प्रभाव से अपडेट किया जाएगा। इसके मुकाबले अभी गूगल मैप में ऐसी सुविधा नहीं मिलती है, जिससे कई बार राइड बुकिंग के दौरान गलत रास्तों पर पहुंच जाते थे। परन्तु ओला मैप में ऐसा नहीं होगा।
ओला ग्रुप अजूर से भी अलग हुआ?
आपकी जानकारी के लिए बता दे की ओला ग्रुप के चेयरमैन भावीश अग्रवाल ने कहा है की हमने माइक्रोसॉफ्ट अजूर से मई के महीने में ही दूरी बना ली थी साथ ओला ने अपना काम कंपनी द्वारा ही विकसित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म कृत्रिम को सौंप दिया है। वही पर भावीश अग्रवाल ने मई में ट्वीट किया था, कि अगर कोई भी डेवलपर, जो अजूर से अलग होकर काम करना चाहेगा, उसको हम एक साल की फ्री क्लाउड सर्विस उपलब्ध कराएंगे, और साथ ही हम अजूर से अलग होने वालों का पूरा साथ देंगे।
Conclusion
आज की इस पोस्ट में हमने आपको “OLA MAPS” के बारे में पूरी जानकारी दी है। आशा करते हैं, कि आपको हमारे द्वारा दी गई पूरी जानकारी पसंद आई होगी। दोस्तों आपको अगर हमारी यह पोस्ट अच्छी लगी है, तो इसको अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, ताकि वह भी इसके बारे में जानकारी ले सके। For any suggestion and Query write us on aajhinditak@gmail.com.We are waiting eagerly for you valuable comments.
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